#हमारे जीवन पर “ऋतुओं के परिवर्तन” का क्या प्रभाव पड़ता है ? एक दृष्टि में |#What is the effect of "change of seasons" on our lives? at a glance |, #hmare jivan pr rituon ke privrtan ka kya prbhav prta hai ?
भूमिका विज्ञान तो जीवन जीने की तमाम मानक तत्वों की खोज में चाँद तक पहुँच गया है,लेकिन वर्तमान में पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा स्थान है जहाँ जीवन को जीना भी आसान है और जीवन को आगे बढ़ाना भी मुमकिन है क्योंकि पृथ्वी की संरचना ही जीवन के लिए अनुकूल है | पृथ्वी की संरचना, जीवन के लिए अनुकूल इसीलिए है क्योंकि धरती पर प्यास बुझाने के लिए मीठा जल है,पेट भरने के लिए यानि भोजन की उपज के लिए उपजाऊ मिट्टी है ,साँस लेने के लिए हवा है और आवो हवा में जीवन को बलिष्ट बनाने वाली ऋतुओं का साथ है , आवो हवा में जीवन को बलिष्ट बनाने वाली ऋतुओं का साथ इस लिहाज से है क्योंकि मनुष्य का शरीर जहाँ ग्रीष्म ऋतु की तपन से तप्त होता है वहीं वर्षा ऋतु के प्रभाव से थोड़ी राहत का साँस लेता है , शरद ऋतु से जब थोड़ा अपनी आवो – हवा में उमस महशुस करता है तब शीत ऋतु की करकराती ठंड को सहने की ओर अग्रसर हो जाता है | ऋतु या मौसम एक शब्द के रूप में ऋतु और मौसम को अगर एक शब्दावली की दृष्टी से देखें तो दोनों एक समनार्थी शब्द की श्रेणी में आते है,जिसका अर्थ होता है सीजन , काल, समय लेकिन इनके उपयोग और प्रयोग...