#‘आजादी का अमृत महोत्सव’ देश की उन्नति के लिए एक बेहतर संदेश |#Azadi Ka Amrit Mahotsav' is a better message for the progress of the country.#'azadi ka amrit mhotsav'desh ki unnti ke liye ek behtr sndesh

 

प्रस्तावना

जीवन में समृद्धि प्राप्त करने के लिए किन – किन मुसीबतों का सामना करना पड़ता है ,कौन – कौन सी इच्छाओं की तिलांजली देनी पड़ती है ,कौन – कौन से लोग सफर के साथी बनते है , किन – किन लोगों का साथ बीच मझदार में ही छूट जाता है , जीवन में ऐसे कम ही मौकें मिलते है जब शान्ति से बैठकर अपने बीते दिनों को याद किया जा सके और अपनी उपलब्धी या अनुपलब्धि के महत्व को पुन: मानसिक पटल पर जीवंत किया जा सके |

उपर्युक्त बातें व्यक्तिगत बाधा को परिभाषित कर रही है जो

स्वयं के बनाये घर से स्वयं ही निकल नहीं पाने के दर्द को बयाँ कर रही है या स्वयं के बनाये घर में ,स्वयं ही अपनी मरजी का कुछ नही कर पाने की पीड़ा को उजागर कर रही है |

तो जरा सोचिये, एक इंसान जब अपनी जद्दोजहद से भरी जिन्दगी में इतना डूबा हुआ है, जिसे अपने अतीत के बारे में सोचने या चर्चा करने तक की फुरसत नहीं है, क्या वह देश की आजादी में बलिदानों की भेंट चढ़े हुए अमर सपूतों के बारे में या स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानने के लिए स्वयं से कुछ पल निकाल पायेगा !

मेरी समझ से तो बिल्कुल भी नहीं !

इसीलिए मेरी समझ से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ जैसे दृढ निश्चयी कार्यक्रम का होना, ऐसे लोगों के लिए भी, देश के अमर सपूतों, स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के महत्व को जानने और समझने के लिए एक प्रयाप्त अवसर की तरह होगा|

और उनके लिए भी यह एक त्योहार एक महोत्सव की तरह होगा जिनके हृदय से अब तक अमर शहीदों व स्वंत्रता सेनानियों की याद मिट नहीं पाई है या अमिट है |

 


 आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत

आजादी के 75 वें वर्ष को, आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाने के लिए माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सावरमती आश्रम से 12 मार्च 2021 को आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत की गई, जो 15 अगस्त 2023 तक चलेगी |

आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य

आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य

देश की आजदी के महत्व को जन – जन तक पहुँचाना व देश की आजादी के लिए मर मिटने वाले अमर शहीदों व स्वंत्रता सेनानियों को याद कर उनके बलिदानों की अमर कृति को जन – मानस के मन मस्तिष्क में घोलना है |

वैसे तो बच्चे, थोड़ा – बहुत अपने पाठ्य पुस्तक में भी अमर शहीदों व स्वंत्रता सेनानियों के विषय में पढ़ते ही है, लेकिन देश व्यापी ऐसे समारोह होने से देश भक्ति क्या होती है? स्पष्ट रूप से समझ में आएगी, जिसके फलस्वरूप देश की तरक्की में जुटने की प्रेरणा का भी सृजन होना संभव है |

 


12 मार्च को ही क्यों इस ऐतिहासिक महोत्सव की शुरुआत की गई ?

12 मार्च 1930 को राष्टपिता महात्मा गाँधी द्वारा सावरमती आश्रम से ही नमक सत्याग्रह के लिए ऐतिहासिक दांडी मार्च की शुरुआत हुई थी जो भारत की आजादी के लिए बढ़ने वाले अहम कदमों में से एक थी , इसीलिए आजादी के अमृत महोत्सव की शुरुआत के लिए इससे अच्छा कोई दिन हो नहीं सकता था |

 

आजादी के अमृत महोत्सव को देशव्यापी महोत्सव बनाने के प्रयास

सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा वभिन्न – विभिन्न प्रकार के प्रयास किये गये है जिनमें देश भक्ति गीत लेखन ,देश भक्ति लोरी लेखन , रंगोली , लेख व क्विज़ इत्यादि प्रतियोगिता शामिल है जिससे जुड़कर युवायें , बच्चे अपनी देशभक्ति को देश के समक्ष रखने में सफल हुए और हो रहे है |  

 


निष्कर्ष

जो हम है, वो हमारी संस्कृति है,जो हमारे अपने देश की मिट्टी से,आवोहवा से, वातावरण से ही उपजी है और हमारे भीतर रची बसी है, जिसे हम चाह कर भी स्वयं से अलग नही कर सकते है|

लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव जैसे आयोजन का होना भी आवश्यक है, क्योंकि ऐसे आयोजन होने से, देश की आजदी के लिए किये गये बलिदानों का, महत्व और कद्र दोनों बढ़ जाता है | जिससे जीवन के हर क्षेत्र में, अपने देश का परचम लहराने में ऐसी खुशी का अनुभव हो सकता है, जिसकी मुस्कुराहट कभी कम ही ना हो |

 

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