नवजात शिशुओं को समय – समय पर टीका लगवाना क्यों आवश्यक है और तथा टीकाकरण का मुख्य उद्देश्य क्या है ? Why is it necessary to vaccinate newborns from time to time and and what is the main purpose of vaccination?

 


वयस्कों की तुलना में नवजात शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है जिससे नवजात शिशु अतिशीघ्र गंभीर विमारियों जैसे – पोलियो , खसरा,टेटनेस,टीबी,काली खांसी इत्यादि की चमेट में आ जाते है (चूँकि कृतिम उपायों से किसी भी रोग के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त करना या निर्माण करना ही टीका या टीकाकरण है )

इसीलिए नवजात शिशुओं को गंभीर विमारियों के चपेट से बचाने के लिए समय – समय पर टीका लगवाना आवश्यक है

नवजात शिशुओं को समय – समय पर टीका लगवाना इसीलिए भी आवश्यक है क्योंकि बढ़ते शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके और नवजात शिशुओं को स्वस्थ्य जीवन प्रदान किया जा सके

इसी उद्देश्य से भारत सरकार ने भी वर्ष 1985 में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की और इसी टीकाकरण अभियान को मजबूती प्रदान करते हुए वर्ष 2002 में हेपैटाइटिस B के लिए भी टीके की व्यवस्था की ताकि कोई बच्चा सिर्फ उचित समय पर टीका ना लगवाने के कारण अपना प्राण ना गंवादें या किसी गंभीर बिमारी से ग्रसित ना हो जाये



कौन – कौन से ऐसे टीके है जो नवजात शिशुओं के लिए परम आवश्यक है

समय के साथ – साथ बहुत कुछ बदलता है जैसे रोग , रोगों के कारण , रोगों के ईलाज और रोगों के इलाज करने का तरीका

इसीलिए स्वास्थ्य केंद्र या जहाँ भी बच्चों का टीकाकरण होता है वहाँ सभी जानकारी निशुल्क ही दी जाती है जो सही और समयानुसार होती है लेकिन फिर भी मैं कुछ टीकों का जिक्र अपने इस ब्लॉग के माध्यम से कर रहा हूँ जो शिशु के लिए आवश्यक है

1. बी . सी . जी का टीका और पोलियो की खुराक

2. डी . पी . टी का टीका और पोलियो की खुराक

3. खसरा का टीका और पोलियो की खुराक

4. डी . टी का टीका



टीकाकरण के उद्देश्य (purpose of vaccination)

किसी भी चीज का जब देश व्यापी अभियान होने लगे तो जाहिर सी बात है वो देश के लिए , देश के लोगों के लिए हितकारी ही होगा इसमें कोई दो राय नहीं, वैसा ही एक अभियान टीकाकरण भी है जिसका मुख्य उद्देश्य है –

शिशु मृत्यु दर को कम करना,

मातृ मृत्यु दर को कम करना,

रोगों के संक्रमण और संक्रमण के वाहकों को नियंत्रित करना,

रोगों के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करना,

टीकों के निर्माण के लिए विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल एवं विकास करना इत्यादि

निष्कर्ष

किसी भी रोग का पता लगाना उसके बाद उस रोग का ईलाज ढूँढना उसके बाद उस रोग के जड़ को ही खत्म करने के लिए टीके का निर्माण करना उसके बाद उसका परिक्षण करना और उसके बाद उसके इस्तेमाल के लिए दुनियाँ के समक्ष लाना जो एक जटिल प्रक्रिया है और इस जटिल प्रक्रिया से सिर्फ और सिर्फ इसीलिए गुजरा जाता है क्योंकि जीवन की रक्षा समय रहते या समय पर की जा सकें

इसीलिए शिशु को टीके लगवाने से डरने के बजाए टीकाकरण अभियान से जुड़कर शिशु के स्वस्थ्य जीवन हेतु बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए और अपने बच्चे को समय – समय पर टीका लगवाना चाहिए |



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