अनुशासनात्मक जीवन प्रणाली और अनुशासन मुक्त जीवन प्रणाली में क्या अंतर है ? What is the difference between a disciplined life system and a discipline free life system?

 

अनुशासनात्मक जीवन प्रणाली अर्थात स्वयं के द्वारा शासित होकर

अपने जीवन को जीने  की पद्धति और अनुशासन मुक्त जीवन

प्रणाली अर्थात स्वयं पर किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध लगाये

बिना अपने जीवन को जीने की पद्धति



ये दोनों ही जीवन पद्धति एक दूसरे के बिल्कुल ही विपरीत है इसमें किसी भी प्रकार की कोई समानता नहीं है, इसीलिए हम कह सकते है कि ईन दोनों ही जीवन प्रणाली में जो मुख्य अंतर है वो एक दूसरे से भिन्न होना ही है क्योंकि अनुशासनात्मक जीवन प्रणाली जहाँ उचित और अनुचित में भेद स्पष्ट कर उचित के साथ ही चलने पर बाध्य रखती है या स्वयं के द्वारा बनाये नियम के विपरीत चाह कर भी चलने नहीं देती है वहीं अनुशासन मुक्त जीवन प्रणाली जीवन में किसी भी प्रकार की कोई बाध्यता को जन्म ही नहीं देती है   

जैसा की ईन दोनों ही जीवन प्रणाली के अर्थ से भी स्पष्ट हो रहा है लेकिन ईन दोनों ही जीवन प्रणाली के बीच पूर्ण अंतर स्पष्ट करने के लिए उपर्युक्त दोनों ही जीवन प्रणाली के बारे में विस्तार पूर्वक जानना परम आवश्यक है

तो आइये जानने की कोशिश करते है -

अनुशासनात्मक जीवन प्रणाली

जैसा की हम जानते है स्वयं को किसी नियम के द्वारा शासित रखना या संयमित रखना ही अनुशासनात्मक जीवन प्रणाली है

लेकिन ऐसे कौन से नियम है जिसके द्वारा हम स्वयं को अनुशासित रखने में कामयाब हो सकते है या होते है

तो मेरी समझ से ऐसे प्रमुख नियम निम्नलिखित हो सकते है –

1. किसी भी प्रकार के व्यसन से अपने आप को दूर रखना

2. अपनी कार्य प्रणाली में किसी भी प्रकार की कोताही बरतने से बचना

3. अपनी सेहत के अनुकूल खाद्य पदार्थों का सेवन करना

4. समय पर उठना,समय पर सोना ,समय पर भोजन करना

   और समय पर कसरत इत्यादि करना

5. अपने से बड़ो का सम्मान करना और अपने से छोटे को प्यार देना

6. चरित्र का ढीला ना होना

7. कर्मठ होना अर्थात कर्म करने से जी ना चुराना इत्यादि



 

अनुशासन मुक्त जीवन प्रणाली

जैसा की हम जानते है स्वयं को किसी भी नियम के बंधन से मुक्त रहना या होना ही अनुशासन मुक्त जीवन प्रणाली है जिसको यदि विस्तार से समझने की कोशिश करें तो जो बात समझ में आती है वो यही है की मन के अनुरूप कार्य करने की स्वंत्रता , अनुशासन मुक्त जीवन प्रणाली के प्रमुख गुण है जैसे जब भूख लगे तब खा लो , जब आँख लगे तब सो जाओ , जब पढ़ने का मन करे तब पढ़ लो, कार्य करने का मन करें तो करों वरना छोड़ दो इत्यादि  



 

निष्कर्ष

जिस प्रकार सिर्फ पौधा लगा देने मात्र से ही पौधे का समुचित विकास नहीं हो जाता, पौधें के उचित विकास के लिए समय – समय पर कटाई – छंटाई से लेकर खाद्य पानी कीटनाशक का छिड़काव भी आवश्यक है ठीक उसी प्रकार किसी भी बच्चे के जन्म लेने मात्र से ही उसका विकास संभव नहीं होता !   

उसके पूर्ण विकास के लिए उसके लालन – पालन की उचित व्यवस्था से लेकर सही मार्गदर्शन भी आवश्यक है

और यही मार्गदर्शन किसी भी बच्चे के जीवन में चाहे अनचाहे रूप से

अनुशासनात्मक जीवन प्रणाली को ही जन्म देती है जो किसी भी बच्चे के लिए जीवन को संवारने के लिए ही होती है |

इसीलिए मेरी समझ से अनुशासनात्मक जीवन प्रणाली और अनुशासन मुक्त जीवन प्रणाली में जो मुख्य अंतर है वो यही है की –

जहाँ अनुशासनात्मक जीवन प्रणाली किसी भी व्यक्ति के विकास के लिए परम आवश्यक है वहीं अनुशासन मुक्त जीवन प्रणाली किसी भी व्यक्ति के पतन के लिए जिम्मेदार है |



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