थायराइड (Thyroid) क्या है ? और हमारे शरीर को ये कैसे प्रभावित करती है एक दृष्टि से
कुछ ऐसी
बाते. होती है जिसकी जानकारी मेरी समझ से प्रत्येक व्यक्ति को रखनी ही चाहिए और
यदि वो बात हेल्थ से जुड़ी हुई हो तब तो आवश्य ही जाननी चाहिए, जिससे समय रहते उसका
निदान संभव हो सके !
इसी मकसद
से आज थायराइड के बारे में कुछ बातें जानने की कोशिश करते है.....
थायराइड (Thyroid)
क्या है ?
यह एक प्रकार का गलैंड या ग्रंथी होता है जो T3 और T4 नामक हार्मोन को बनाकर खुन तक
पहुँचाता है या T3 और T4 नामक हार्मोन को रिलीज करता है जिससे शरीर का मेटाबोलिज्म कंट्रोल
रह सके अर्थात हम जो भोजन करते है उसे ये उर्जा में परिवर्तित करने के साथ – साथ पाचनतन्त्र को
भी कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है , इसीलिए कहा जाता है कि थायराइड हार्मोन हमारे
शरीर के पत्येक कोशिकाओं के कार्य को प्रभावित करता है और और इसकी संरचना एक साइलेंट
किलर की तरह
होती है| यह बीमारी पुरुषों के मुकावले
महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है |
थायराइड के प्रकार
मुख्यत: थायराइड दो प्रकार के होते है ..
1. Hypothyroidism - इस बीमारी में T3 यानि Triiodothyronine और T4 यानि Thyroxine की
मात्रा कम
जाती है और TCH की मात्रा बढ़ जाती है |
कारण
यह बीमारी मुख्यत: आयोडीन की कमी या आयोडीन वाले नमक के कम सेवन से , तनाव का स्तर
बढने से ,
अत्यधिक तैलिए पदार्थों के सेवन इत्यादि से
लक्षण
Ø त्वचा में रूखापन
Ø बालों का झड़ना
Ø पेट की समस्या या कब्ज की समस्या
Ø जोड़ों में दर्द की समस्या
Ø मांसपेसियों में कमजोरी
Ø ज्यादा ठंड लगना इत्यादि
उपचार
उपचार के लिए मैं तो यही सलाह दूँगा की अगर ऐसा कुछ हो तो आप डॉक्टर से सम्पर्क करें और
इससे बचने के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर तेजपत्ता का काढ़ा , धनिये का पानी ,सुबह – सुबह
खाली पेट पी सकते है |
2. Hyperthyroidism – इस बीमारी में T3 यानि Triiodothyronine और T4 यानि Thyroxine की
मात्रा बढ़
जाती है और TCH की मात्रा कम हो जाती है
·
TCH यानि Thyroid stimulating hormone यह एक ऐसा हार्मोन होता है जो T3 और T4 को
नियन्त्रण या रेगुलेट करता है |
कारण
आयोडीन वाले नमक के अधिक सेवन से , अत्यधिक तनाव के स्तर बढने से ( क्योंकि तनाव का
स्तर बढ़ने से सबसे ज्यादा
असर थायरोड ग्रंथी पर ही परता है), डिप्रेसन से इत्यादि
लक्षण
Ø भूख ज्यादा
लगना
Ø वजन घटना
Ø पसीना आना
Ø घबराहट महसूस
करना
Ø सोने में
कठिनाई महसूस करना
Ø हृदय गति का
अनियमित होना इत्यादि
उपचार
उपचार के लिए मैं तो यही सलाह दूँगा की
अगर ऐसा कुछ हो तो आप डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करें |
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