प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें या प्रतियोगी परीक्षा में उतीर्ण होने के लिए क्या करना चाहिए ..

 


परीक्षा जिसका अर्थ ही होता है परखने का मापदंड जो किसी भी तरह का हो सकता है मौखिक हो सकता है , लिखित हो सकता है और वैकल्पिक हो सकता है या तीनों ही रूप में हो सकता है क्योंकि दिन प्रति दिन बढती बेरोजगारी दर के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं का स्तर भी काफी व्यापक हो गया है जिससे विद्यार्थियों में एक दूसरे से आगे निकलने जैसी प्रतिस्पर्धा भी बढ़ने लगी है जिसके फलस्वरूप सफलता सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों को प्राप्त हो पाती है जो बेहतर से भी बेहतर है औसत विद्याथियों को तो असफलता के सिवा कुछ हाथ नहीं लगता है इसीलिए  प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने को उत्सुक कुछ नये विद्यार्थियों के मन में या जो विद्यार्थी निरन्तर असफलता ही पा रहे है उनके मन में भी इस सवाल का निश्चित तौर पर आना तय है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें या प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के लिए क्या करें ...

तो आज इस ब्लॉग को लिखने का भी मकसद यही है कि हम कैसे अपने आप को आज के समय के हिसाब से होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में अपना स्थान कैसे बनायें या कैसे सफलता प्राप्त करें ..



 वैसे तो हम भविष्य में क्या करेंगे..? किस दिशा में जायेंगे..? इसकी नींव तो Higher Secondary  में ही, जब हम अपना कदम रखते है उसी समय पड़ जाती है जैसे -

Ø अगर हम biology विषय से  Higher Secondary  की पढ़ाई करते है तो हम मेडिकल सेक्टर , एग्रीकल्चर सेक्टर में जा सकते है,

Ø अगर हम गणित  विषय से  Higher Secondary  की पढ़ाई करते है तो हम Engineering कर सकते है ,

Ø अगर हम Commerce विषय के साथ Higher Secondary  की पढ़ाई करते है तो हम चार्टेड अकाउंटेंट की पढ़ाई कर सकते है और

Ø अगर हम कला विषय के साथ Higher Secondary  की पढ़ाई करते है तो हम General Competition की तैयारी कर सकते है

लेकिन आज बढ़ती बेरोजगारी दर के कारण प्रतियोगी परीक्षा पहले से और ज्यादा कठिन हो गई है | और अगर हमको सफल होना है तो हमें प्रतियोगी परीक्षा के अनुरूप ही खुद को ढालना होगा ... जैसे ..

   Ø जिस प्रतियोगी परीक्षा का जैसा पाठ्यक्रम हो उसी अनुरूप अपनी तैयारी करनी चाहिए क्योंकि जरूरी ये नहीं है कि आप कितना पढ़ते है जरूरी ये है कि आप क्या पढ़ते है ..और अपने पाठ्यक्रम को पढने के दौरान ही महत्वपूर्ण बातों को चिन्हित करते जायें और चिन्हित करने के बाद उस चिन्हित बातों को कब ,क्यों और कैसे जैसे प्रश्नों के हल के साथ क्रमवार तरीकें से लिखना शुरू करें ... अगर आप ऐसा करते जायेंगे तो धीरे – धीरे आपको अपने पाठ्यक्रम पर एक पकड़ स्थापित होने लगेगा जिससे आपको प्रतियोगी परीक्षाओं के तीनों प्रारूप में से किसी भी प्रारूप के जैसे मौखिक , लिखित या वैकल्पिक सवालों के उत्तर देने में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी | 



Ø जिस प्रतियोगी परीक्षा के लिए जितना भी समय निर्धारित हो उसी निर्धारित समय के भीतर आपको अपने जवाब लिखने के लिए खुद को तैयार करना होगा जिसके लिए आप उस प्रतियोगी परीक्षा से सम्बंधित प्रैक्टिस सेट का सहारा ले सकते है और निर्धारित समय के भीतर हल करने का निरन्तर प्रयास कर सकते है ...

Time management की सबसे महत्वपूर्ण और ध्यान देने योग्य बात ये है कि आप परीक्षा के दौरान उन सवालों को पहले हल करने की कोशिश करें जो अतिसिघ्र बनजाने वाला हो कठिन सवालों को आप अंत में समय रहने पर हल करने की कोशिश करें इससे ये फायदा होगा कि आप अधिक सवालों के उत्तर दे पायेंगे और बाद में आपको ये नहीं लगेगा कि कितने आसान सवालों को मैंने हल किये बिना ही छोड़ दिया

Ø और सबसे अहम बात प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते समय अपने विचारों को सकारत्मक रखने का भरपूर प्रयास करें जिससे आपको आपकी पढाई में मन लगा रहेगा और आप उत्साह से भरें रहेंगे ..

Ø और इम्तेहान के दिन इम्तेहान के गन्तव्य स्थान पर समय से थोड़ा पूर्व ही पहुँचने का प्रयास करें

 


निष्कर्ष

स्पर्धा और प्रतिस्पर्धा ही हमारे भविष्य को उज्जवल और वर्तमान को सुदृढ़ बनाती है क्योंकि इन दोनों के मिश्रण से जो उर्जा हमारे भीतर समाहित होती है हमें ना ही हारने और ना ही थकने देती है इतना ही नहीं ये हमारे ध्यान को भी एक जगह केन्द्रित करके रखती है अगर हम सही मायने में अपने जीवन में कुछ बनना या कुछ करना चाहते है तो ..

इसको थोड़ा और विस्तार से समझने की कोशिश करते है ....

परीक्षा चाहे किसी भी प्रकार की हो मेरी समझ से परीक्षा एक स्पर्धा है और स्पर्धा में शामिल होने वालों के बीच प्रतिस्पर्धा तो आप ही होने लगती है क्योंकि अपनी मेहनत का प्रतिफल सबको पाना है और एक दूसरे से आगे सबको निकलना है और ये ठीक भी है और यही होना भी चाहिए

उदाहरण के तौर पर अगर हमें दस बच्चों में से किसी एक बेहतर बच्चे का चुनाव करना है तो हम एक परीक्षा रूपी स्पर्धा आयोजित करेंगे लेकिन उन दस बच्चों में प्रतिस्पर्धा आप ही हो जाएगी सबसे आगे निकलने के लिए इसीलिए अपने आप को काविल बनाने की कोशिश में निरन्तर लगा रहना चाहिए जिससे हम जीवन के किसी भी मोड़ से आगे बढ़ सकते है...

जैसे Engineering करने के बाद भी बच्चे कला विषय की पढाई  बिलकुल जीरो से शुरू करके अपने लिए नया मुकाम हासिल कर लेते है ऐसा हम भी कर सकते है ऐसा आप भी कर सकते है चाहे हमारी स्थिति इसके उलट या हुबहू ऐसी ही क्यों ना हो ...

अगर हम सही मायने में अपने जीवन में कुछ बनना या कुछ करना चाहते है तो ..



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