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जून, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संगीत क्या है ..? और संगीत का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है....

  संगीत क्या है ..? और  संगीत का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है या संगीत से हम अपने जीवन को कितना प्रभावित कर सकते है ....... कहते है संगीत भी एक प्रकार से साधना का ही साकार रूप है जिसे साधे तो भी वाह – वाह और श्रवण  करें तो भी वाह – वाह.. और इतना ही नहीं ईश्वर का साक्षात्कार भी सरलता से संगीत के माध्यम से  हो जाती है क्योंकि संगीत में रिदम रूपी जादुई तरंग का पूर्णत: समावेश होता है जो हमारे रोम – रोम  में सिहरन पैदा कर देती है  जिससे स्फूर्ति रूपी किरणें आप ही फूटने लगती है और वो स्फूर्ति रूपी  किरणें हमारे हृदय को पवित्र ,निश्छल, निष्कपट बनाती हुई ईश्वर से हमारा तार जोड़ देती है वैसे संगीत, गायन ,नृत्य और वादन के मिश्रण को ही एक मत से कहते है लेकिन जहाँ तक मैं  समझता हूँ संगीत किसी दायरे में बंध कर नहीं रह सकती इसीलिए मेरे मत से कोई भी क्रिया जो  रिदम या ताल प्राप्त करने में सफल हो जाये संगीत कहलाने योग्य है जैसे किसी की चाल में भी  रिदम हो सकती है ,किसी के बोलने के लहजे में भी रिदम हो सकती है या हम कविता ,गीत,गजल  ,छंद ,दोहा इत्यादि ही लिखते है तो उसमें भी एक रिदम आप ही सम

ख़ुशी क्या है

  ख़ुशी क्या है...? और क्या हम सदा खुश रह सकते है..?   जैसे प्रश्नों का हल ही ढूंढने का प्रयास हम इस ब्लॉग में करेंगे ...   तो आइये हम समझने का प्रयास करते है कि ख़ुशी क्या है ..? ख़ुशी, उल्लास है ,आश और विश्वास की मंजील है , हमारे द्वारा किये गये किसी भी प्रकार के कार्य की चरम सीमा है,मनोवल में वृद्धि का क्षणिक प्रलोभन है या सकारात्मक विचारों की उपज है इत्यादि     क्या कभी हमने सोचा है कि ख़ुशी, हमारे जीवन को कितना प्रभावित करती है और ख़ुशी का अनुभव हमें कब होता है | तो आइये ख़ुशी को समझने के लिए हम ख़ुशी रूपी अहसास की नींव की ओर चलते है जो हमको ख़ुशी का बोध कराने में सहायक की भूमिका निभाती है – ·         जब हमको किसी काम को करते समय मजा आने लगे तो ख़ुशी का अहसास होता है ·         जब हम अपनी मेहनत का प्रतिफल प्राप्त करते है तो ख़ुशी का अहसास होता है ·         अचानक से किसी परचित से भेंट हो जाये तो हमें ख़ुशी का अहसास होता है ·         जब हम सपरिवार मिल – जुल कर रहने लगते है तो ख़ुशी का अहसास होता है ·         हमारे मन के मुताबिक कोई क्रिया हो जाती है तब ख़ुशी का अहसास होता है

#बच्चों का यादास्त कमजोर क्यों होता है ?#Why children have weak memory?#bchchon ka yadast kmjor kyon hota hai ?

  अक्सर हमे बच्चों से ये शिकायत सुनने को मील ही जाती है कि याद तो किया था लेकिन भूल गया या याद तो बहुत करता हूँ लेकिन याद नहीं हुआ ... ऐसी शिकायत हमें बच्चों से क्यों सुनने को मिलती है क्या कभी हमने इसपर विचार करके देखा है .अक्सर हम अपने अन्दर उठ रहे इन सब सवालों पर विचार करने के बजाए हम बच्चों पर ही इसका सारा का सारा दोष मढ़ देते है ये कहकर की तुम पढ़ाई ही नहीं करते ,तुम्हारा ध्यान तो हर बक्त खेल कूद में ही लगा रहता है इत्यादि ...   तो आइये हम समझने की कोशिश करते है कि बच्चों से हमें इसतरह की शिकायत क्यों सुनने को मिलती है ........   इस धरती पर जब कोई भी बच्चा जन्म लेता है जन्म से ही अपना प्रभाव दिखाने लगता है जिससे हम प्रकृति के अदभुत संरचना का साक्षात्कार कर पाते है और जब साक्षात्कार हो जाता है तो हम किसी निष्कर्ष पर पहुँचते है कि इस बच्चें को तो हम डॉक्टर बनायेंगे , इंजिनिअर बनायेंगे इत्यादि....... बच्चों पर दवाब बनने का ये भी एक कारण हो सकता है जिससे उनकी एकाग्रता में कमी आ सकती है जिससे उनकी यादास्त कमजोर हो सकती है या हो जाती है ... लेकिन मैं इन सब बातों को दोहरा कर