#प्रारम्भिक शिक्षा पर मातृभाषा का प्रभाव एक दृष्टि में | # prarmbhik shiksha pr matribhasha ka prbhav ek drishti men | # The impact of mother tongue on elementary education at a glance.
मातृभाषा मातृभाषा को अगर सरल शब्दों में परिभाषित करे तो हम कह सकते है की जो भाषा हमारे जन्म से हमारे कानों में पड़ती है या जो भाषा हमारे अपने घर परिवार और हमारे आस - पास के माहौल में जन्म जन्मान्तर से विद्यमान है, वहीं हमारी अपनी भाषा या मातृभाषा है | अक्सर लोग राष्ट्र भाषा को ही अपनी मातृभाषा समझते है लेकिन राष्ट्रभाषा और मातृभाषा में विशेष अंतर होता है, जिसे समझना आवश्यक है | राष्ट्रभाषा, एक राष्ट्र की भाषा होती है, जो समस्त राष्ट्र के क्रियाकलापों से लेकर, क्रियान्वयन तक कानूनी रूप से वैध्य मानी जाती है| वहीं मातृभाषा, एक राष्ट्र के विभिन्न वर्गों की, विभिन्न भाषा हो सकती है जैसे कोई बंगाली भाषी है तो उसकी मातृभाषा बंगाली होगी , अगर कोई तेलगु , उड़िया , तमिल,अंग्रेजी भाषी है तो उसकी मातृभाषा क्रमशः तमिल , तेलगु , उड़िया,अंग्रेजी इत्यादि होगी | वर्ष 2011 की भाषा आधारित जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, हिन्दी भाषी लोगों की संख्या 52.8 करोड़ है, जो सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है, और इसीलिए राष्ट्रभाषा भी है, वहीं दूसरे स्थान पर बंगाली भाषा है जिसकी संख्या 9.27 करोड़ है | ...